For 14-Feb-2015
हमारे दिल की शुद्ध इच्छा हमेशा पूर्ण होती है
दादी भी बाबा की तरह हमारे दिल की शुद्ध इच्छाओं
को पूरा करती हैं। जब मैं ऑक्सफ़ोर्ड मे थी तो
खिड़की से अक्सर दादी को सीनियर बहनो के साथ नियमित पैदल
टहलते देखा करती थी। वो हाथ मे हाथ डाले घूमती थी
और उन्हे देख कर बहुत ही अच्छा लगता था। मैने सोचा
कि कितना अच्छा हो अगर एक दिन मैं भी दादी के साथ
हाथ मे हाथ डाले पैदल टहल सकूं।
असंभव प्रतीत होते हुए भी आखिर वो दिन आ ही गया।
मुझे खबर मिली कि दादी वियेन्ना (जो हंग्री के पास
है जहाँ मैं रहती हूँ) के हवाई अड्डे
पर पहुँच रही हैं। मैने दादी का हवाई अड्डे
पर स्वागत किया। मुझे देखते ही बिना कुछ बोले,
दादी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और हम
दोनो साथ साथ चलते हुए हवाई अड्डे को
पार कर गये। उस समय की अपनी भावनाओं को मैं शब्दों
मे व्यक्त नही कर सकती हूँ। हम साइलेन्स मे चल रहे
थे। ऐसा लग रहा था जैसे मैं प्रथ्वी पर हूँ ही
नही। उन अनन्त पलों को मैं कभी भी भूल नही सकती
हूँ।
ज्ञान के मोती:
बाबा ने अपने उच्चारे महावाक्यों मे जो कुछ कहा है
वो हो रहा है और आप उसे देख भी रहे हैं। ये हमारा
भाग्य है कि हम उसे देख सकते हैं और उसका अनुभव कर
सकते हैं। हमें और कुछ
भी नही करना है। बाबा ही
सब कुछ कर रहा है - सबको प्रेरित कर रहा है। ये सब
अनुभव करते हुए करावनहार की तरफ देखते हुए,
हमें चलते जाना है,
जो ह्मसे सुब कुछ करा रहा है। सदा
बाबा कि तरफ देखने से हमारा जीवन सार्थक हो गया
है। वास्तव मे मेरे इस सफल जीवन से भी ज्यादा
महत्वपूर्ण यह है कि मेरा जीवन अब मेरे हाथों मे
नहीं रहा, वो अब बाबा के
हाथों मे है। हमारी पालना बाबा की गोदी मे हो रही
है। बाबा ने हमें अपना साथी बनाया है। यह कितनी
सुन्दर तीर्थ यात्रा है। अब तो सिर्फ यह आवाज़
निकलती है कि सबका जीवन इसी तरह सफल हो जाये।
"मेरे अंदर भगवान से मिलने और
उनके साथ रहने की इच्छा होनी चाहिये यहाँ तक की
भगवान के साथ कि अनुभूति की चाहना मेरी हर एक सांस
मे हो। भगवान से मिलने और उनके साथ रहने की भावना
का फल मिलेगा जब आप योग मे बैठेंगे। भगवान से पूछो
- क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?
वास्तव मे मैं उसके (भगवान के)
बिना नही रह सकती और वो (भगवान) भी मेरे बिना नही
रह सकता है। बाबा तुम्हे अपने साथी के रूप मे
देखना चाहता है। भगवान के बन जाने और भगवान को
अपना बना लेने के बाद ही हमने सच्ची रीति से
मुस्कुराना सीखा। अब ज्ञान को सुनो और इस तरीके से
धारण करो कि अंदर के हर कोने मे छिपे हुए अब
तक के सारे दुख दूर हो
जायें।"
दृष्टि पॉइंट:
जैसे ही मैं सबसे खूबसूरत एक
(बाबा) और दिल के दोस्त के साथ
चलती हूँ, तो मैं इस
सम्बंध का ताप हर आत्मा
(जिससे भी मिलती हूँ) के ऊपर बिखेरती जाती हूँ।
कर्म योग का अभ्यास:
बाबा को सारे दिन अपने साथ मे ले कर चलो। अपना
लाइट का सूक्ष्म हाथ बाबा के लाइट के सूक्ष्म हाथ
मे इस जागरूकता के साथ दो कि आप सबसे खूबसूरत एक
(बाबा) के साथ चल रहे हैं जो दिल का दोस्त है और
अविनाशी साथी भी है।