13 जून, 2015
स्मृति
मीठे बच्चे, जो
बच्चे घोर नींद से जग जाते हैं उनके अन्दर खुशी
बहुत होती है, हम शिवबाबा के बच्चे हैं, कोई
किस्मका फिक्र नहीं है। बाप हमको विश्व का मालिक
बनाते हैं। रोने का नाम नहीं। यह है रोने की दुनिया।
मीठे बाबा, सारा
दिन मैं इस स्मृति की पुष्टि करता रहूँगा कि अब
मैंने इस असाधारण वास्तिवकता को जाना है कि मैं
परमात्मा की संतान हूँ और दुखों से मुक्त हूँ। बाबा
मुझे अलौकिक बना रहे हैं और मुझे खुशीयों और
प्रकाश के संसार में ले कर जा रहे हैं।
स्मृर्थी
ऊपर की स्मर्ती से
प्राप्त होने वाली शक्ति से मैं स्वयं को निरंतर
सशक्त अनुभव कर रहा हूँ। मुझमें इस बात की जागृती
आ रही है कि मेरी स्मृर्ती से मेरा स्वमान बढ़ता जा
रहा है। मैं इस बात पर ध्यान देता हूँ कि मेरी
स्मृर्ती से मुझमें शक्ति आ रही है और इस
परिवर्तनशील संसार में मैं समभाव और धीरज से कार्य
करता हूँ।
मनोवृत्ति
बाबा आत्मा से: तुम
बच्चों को अभी बड़ी ताकत मिलती है, राज्य करने की।
जो कोई जीत पा न सके। तुम कितने सुखी बनते हो। तो
पढ़ाई पर कितना अटेन्शन देना चाहिए। इस पढ़ाई से
तुम्हें गोल्डन स्पून इन माउथ मिलता है।
दिन के प्रत्येक
दृश्य में ईश्वरीय ज्ञान को वहन करते हुए सावधानी
की वृत्ति अपनाने का मेरा दृढ़ संकल्प है। इस
सावधानी के पीछे स्वयं के लिए परवाह और सहानुभूति
है। इस सुनहरे मौके को लेने के लिए और अनेक जन्मों
के लिए सुनहरे उपहारे पाने के लिए मैं सावधानी
बरतता हूँ।
दृष्टि
बाबा आत्मा से: तुम
जानते हो तुम क्या थे और क्या बन रहे हो।
भगवानुवाच-‘मैं तुम्हें राजयोग सिखा कर राजाओं का
राजा बनाता हूँ’।
आज मैं स्वयं को
श्रेष्ठ दृष्टि से देखने पर पूरा ध्यान दूँगा। मैं
अपने आप को साधारण देखना छोड़ देता हूँ और स्वयं को
तेजस्वी आध्यात्मिक हस्ती के रूप में देखता हूँ
जिसके मन से दिव्य खज़ाने और असाधारण प्रकाश निकलता
रहता है। मैं जिससे भी मिलता हूँ उसमें भी यही
खज़ाने और प्रकाश पाने का सामर्थ्य देखता हूँ।
लहर उत्पन्न करना
मुझे शाम 7-7:30 के
योग के दौरान पूरे ग्लोब पर पावन याद और वृत्ति की
सुंदर लहर उत्पन्न करने में भाग लेना है और मन्सा
सेवा करनी है। उपर की स्मृर्ति, मनो-वृत्ति और
दृष्टि का प्रयोग करके विनिम्रता से निमित् बनकर
मैं पूरे विश्व को सकाश दूँगा।