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AVYAKT MURLI
09 / 05 / 77
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09-05-77 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
सम्पूर्ण पवित्रता ही विशेष पार्ट बजाने वालों का शृंगार है
विशेष पार्टधारी आत्माओं प्रति बाप-दादा बोले –
अपने को इस ड्रामा के अन्दर विशेष पार्ट बजाने वाले, विशेष पार्टधारी समझते हो? विशेष पार्ट की विशेषता क्या है, उसको जानते हो? विशेषता यह है कि बाप के साथ साथी बन पार्ट बजाते हो, और साथ-साथ हर पार्ट अपने साक्षीपन की स्थिति में स्थित हो बजाते हो। तो विशेषता हुई - ‘बाप के साथ साथी की और साक्षीपन की।’ उस विशेषता के कारण ही विशेष पार्टधारी गाए जाते हैं। तो अपने आपको सदा चैक (Check;निरीक्षण) करो कि हर पार्ट बजाते हुए दोनों ही विशेषताएं रहती हैं? नहीं तो साधारण पार्टधारी कहलाए जायेंगे। बाप श्रेष्ठ और बच्चे साधारण! यह शोभेगा नहीं।
विशेष पार्ट बजाने का शृंगार कौन सा है? सम्पूर्ण पवित्रता ही आपका शृंगार है। संकल्प में भी अपवित्रता का अंश मात्र न हो। ऐसा शृंगार निरन्तर है? क्योंकि आप सब हद के, अल्प काल के पार्ट बजाने वाले नहीं हो। लेकिन बेहद का, हर सेकेण्ड, हर संकल्प से सदा पार्ट बजाने वाले हो। इसलिए सदा शृंगार की हुई मूर्त्त अर्थात् सदा पवित्र स्वरूप हो। इस समय का शृंगार जन्म जन्मान्तर के लिए अविनाशी बन जाता है।
मुख्य संस्कार भरने का समय अभी है। आत्मा में हर जन्म के संस्कारों का रिकार्ड इस समय भर रहे हो। तो रिकार्ड भरने के समय सेकेण्ड-सेकेण्ड का अटेंशन रखा जाता है। किसी भी प्रकार के टेंशन (तनाव) का अटेंशन; टेंशन में अटेंशन रहे। अगर किसी भी प्रकार का टेंशन होता है, तो रिकार्ड ठीक नहीं भर सकेगा। सदा काल के लिए श्रेष्ठ नाम के बजाए, यही गायन होता रहेगा कि जितना अच्छा भरना चाहिए, उतना नहीं भरा है। इसलिए हर प्रकार के टेंशन से परे, स्वयं और समय का, बाप के साथ का अटेंशन रखते हुए सेकेण्ड-सेकेण्ड का, पार्ट बजाओ। मास्टर सर्वशक्तिवान, आलमाइटी अथॉरिटी (ALMIGHTY Authority) की सन्तान - ऐसी नॉलेजफुल (Knowledgeful;ज्ञान सागर) आत्माओं में टेंशन का आधार दो शब्द हैं। कौन से दो शब्द? ‘क्यों और क्या?’ किसी भी बात में, यह क्यों हुआ? यह क्या हुआ? जब यह दो शब्द बुद्धि में आ जाते हैं, तब किसी भी प्रकार का टेंशन पैदा होता है। लेकिन संगमयुगी श्रेष्ठ पार्टधारी आत्माएं क्यों, क्या का टेंशन नहीं रख सकती हैं, क्योंकि सब जानते हैं। ‘साक्षी और साथीपन’ की विशेषता से, ड्रामा के हर पार्ट को बजाते हुए कभी टेंशन नहीं आ सकता। तो अपने इस विशेष कल्याणकारी समय को समझते हुए हर सेकेण्ड के संस्कारों का रिकार्ड नम्बरवन स्टेज में भरते जाओ।
नॉलेजफुल स्टेज अर्थात् इस संगमयुग की स्थिति का आसन जानते हो? भक्ति मार्ग में विद्या की देवी, सरस्वती को कौन सा आसन दिखाया है? इसे क्यों दिखाया है? इसका विशेष गुण कौन सा गाया हुआ है? उसका ‘विशेष गुण’ (1) भी नॉलेजफुल का ही दिखाया है ना। राइट और रांग (RIGHT And Wrong;सत्य और असत्य) को जानने वाला यह भी नॉलेज हुई ना। तो नॉलेजफुल का आसन भी नॉलेज वाला ही दिखाया है। विशष नॉलेज है ‘राइट और रांग को जानने’ की (2) दूसरी बात, आपकी स्थिति का यादगार भी आसन के रूप में दिखाया है। सदा शुद्ध संकल्प का भोजन बुद्धि द्वारा ग्रहण करने वाला, सदा की सर्व आत्माओं द्वारा वा रचना द्वारा गुण धारण करने वाला, उसी को मोती चुगने वाला दिखाया है। (3) तीसरी बात, ‘स्वच्छता’। स्वच्छता की निशानी सफेद रंग दिखाया है। ‘स्वच्छता अर्थात् पवित्रता’। तो सदा नॉलेजफुल स्थिति में स्थित ही रहने की निशानी ‘हंस का आसन’ दिखाया जाता है। सरस्वती को, सदा सेवाधारी रूप की निशानी, बीन बजाते हुए दिखाया है। यह ज्ञान की वीणा सदा बजाते रहना अर्थात् सदा सेवाधारी रहना। जैसे आसन यादगार रूप में दिखाया है, वैसे सब विशेषताएं धारण कर पार्ट बजाना, यही विशेष पार्ट है। तो सदा ऐसे विशेष पार्टधारी समझते हुए पार्ट बजाओ।
प्रकृति के अधीन तो नहीं हो ना? प्रकृति का कोई भी तत्व हलचल में नहीं लावे। आगे चलकर तो बहुत पेपर आने हैं। किसी भी साधनों के आधार पर, स्थिति का आधार न हो। मायाजीत के साथ-प्रकृतिजीत भी बनना है। प्रकृति की हलचल के बीच - यह क्या? यह क्यों हुआ? यह कैसे होगा? ज़रा भी संकल्प में टेंशन हुआ अर्थात् अटेंशन कम हुआ, तो फुल पास नहीं होंगे। इसलिए सदा अचल होना है। अच्छा।
सदा अपने नॉलेजफुल आसन पर स्थित रहने वाले, हर सेकेण्ड श्रेष्ठ पार्ट बजाने वाले, हर प्रकार के पेपर में फुल पास हो, पास विद् ऑनर (Pass With Honour;सम्मान सहित सफलतामूर्त्त) बनने वाले, सदा एक बाप की याद के रस में एकरस रहने वाले, ऐसे सदा बाप समान श्रेष्ठ आत्माओं को बाप-दादा का याद-प्यार और नमस्ते।
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QUIZ QUESTIONS
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प्रश्न 1 :- कौन से दो शब्द टेंशन का आधार है ? किस विशेषता के आधार से इस टेंशन से मुक्त हो सकते है?
प्रश्न 2 :- विशेष पार्टधारी आत्माओं का श्रृंगार कौन सा है ? यह श्रृंगार क्यों महत्वपूर्ण है ?
प्रश्न 3 :- फुल पास होने के लिये किन बातों पर अटेंशन चाहिए ?
प्रश्न 4 :-भक्ति मार्ग में विद्या की देवी सरस्वती के आसन की क्या क्या विशेषतायें बापदादा ने बताई ? सदा सेवाधारी के रूप की क्या यादगार दिखाई गई है ?
प्रश्न 5 :- मुख्य संस्कार भरने का समय कब है ? और संस्कार भरते समय किन बातों पर विशेष अटेंशन देना है ?
FILL IN THE BLANKS:-
{ सेकंड, कल्याणकारी, संस्कारो, प्रकृति, अधीन, ड्रामा, पार्ट, पार्टधारी, स्टेज , आसन श्रेष्ठ, साधारण }
1 बाप ________ और बच्चे ________ ! यह शोभेगा नहीं।
2 नॉलेजफुल स्टेज ________ अर्थात् इस संगमयुग की स्थिति का ________आसन जानते हो?
3 अपने को इस ________ के अन्दर विशेष ________ बजाने वाले, विशेष ________ समझते हो?
4 ________ के ________ तो नहीं हो ना?
5 अपने इस विशेष ________ समय को समझते हुए हर ________ के ________ का रिकार्ड नम्बरवन स्टेज में भरते जाओ।
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- इसलिए सदा हलचल होना है।
2 :- तो विशेषता हुई - ‘बाप के साथ साथी की और साक्षीपन की।’
3 :- साधारण पार्ट बजाने का श्रृंगार कौन सा है?
4 :- नही तो विशेष पार्टधारी कहलाए जाएंगे।
5 :- तो अपने आपको सदा चैक (Check;निरीक्षण) करो कि हर पार्ट बजाते हुए दोनों ही कमियाँ रहती हैं?
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QUIZ ANSWERS
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प्रश्न 1 :- कौन से दो शब्द टेंशन का आधार है ? किस विशेषता के आधार से इस टेंशन से बच सकते है ?
उत्तर 1 :- ‘क्यों और क्या?’ किसी भी बात में, यह क्यों हुआ? यह क्या हुआ? जब यह दो शब्द बुद्धि में आ जाते हैं, तब किसी भी प्रकार का टेंशन पैदा होता है। लेकिन संगमयुगी श्रेष्ठ पार्टधारी आत्माएं क्यों, क्या का टेंशन नहीं रख सकती हैं, क्योंकि सब जानते हैं। ‘साक्षी और साथीपन’ की विशेषता से, ड्रामा के हर पार्ट को बजाते हुए कभी टेंशन नहीं आ सकता।
प्रश्न 2 :- विशेष पार्टधारी आत्माओं का श्रृंगार कौन सा है ? यह श्रृंगार क्यों महत्वपूर्ण है ?
उत्तर 2 :- विशेष पार्टधारी आत्माओं का श्रृंगार है :-
❶ सम्पूर्ण पवित्रता ही आपका श्रृंगार है। संकल्प में भी अपवित्रता का अंश मात्र न हो।
❷ ऐसा श्रृंगार निरन्तर है ।क्योंकि आप सब हद के, अल्प काल के पार्ट बजाने वाले नहीं हो। लेकिन बेहद का, हर सेकेण्ड, हर संकल्प से सदा पार्ट बजाने वाले हो।
❸ इसलिए सदा श्रृंगार की हुई मूर्त्त अर्थात् सदा पवित्र स्वरूप हो।
❹ इस समय का श्रृंगार जन्म जन्मान्तर के लिए अविनाशी बन जाता है।
प्रश्न 3 :- फुल पास होने के लिये किन बातों पर अटेंशन चाहिए ?
उत्तर 3 :- फुल पास होने के लिए निम्न बातो पर अटेंशन चाहिए :-
❶ प्रकृति का कोई भी तत्व हलचल में नहीं लावे। आगे चलकर तो बहुत पेपर आने हैं।
❷ किसी भी साधनों के आधार पर, स्थिति का आधार न हो।
❸ मायाजीत के साथ प्रकृतिजीत भी बनना है।
❹ प्रकृति की हलचल के बीच - यह क्या? यह क्यों हुआ? यह कैसे होगा? ज़रा भी संकल्प में टेंशन हुआ अर्थात् अटेंशन कम हुआ, तो फुल पास नहीं होंगे।
प्रश्न 4 :-भक्ति मार्ग में विद्या की देवी सरस्वती के आसन की क्या क्या विशेषतायें बापदादा ने बताई ? सदा सेवाधारी के रूप की क्या यादगार दिखाई गई है ?
उत्तर 4 :- विद्या की देवी सरस्वती के विशेष गुण बापदादा ने बताये है:-
❶ उसका ‘विशेष गुण’ भी नॉलेजफुल का ही दिखाया है ना। राइट और रांग (RIGHT And Wrong;सत्य और असत्य) को जानने वाला यह भी नॉलेज हुई ना। तो नॉलेजफुल का आसन भी नॉलेज वाला ही दिखाया है। विशष नॉलेज है ‘राइट और रांग को जानने की
❷ दूसरी बात, आपकी स्थिति का यादगार भी आसन के रूप में दिखाया है। सदा शुद्ध संकल्प का भोजन बुद्धि द्वारा ग्रहण करने वाला, सदा की सर्व आत्माओं द्वारा वा रचना द्वारा गुण धारण करने वाला, उसी को मोती चुगने वाला दिखाया है।
❸ तीसरी बात, ‘स्वच्छता’। स्वच्छता की निशानी सफेद रंग दिखाया है। ‘स्वच्छता अर्थात् पवित्रता’। तो सदा नॉलेजफुल स्थिति में स्थित ही रहने की निशानी ‘हंस का आसन’ दिखाया जाता है।
सरस्वती को, सदा सेवाधारी रूप की निशानी, बीन बजाते हुए दिखाया है। यह ज्ञान की वीणा सदा बजाते रहना अर्थात् सदा सेवाधारी रहना। जैसे आसन यादगार रूप में दिखाया है, वैसे सब विशेषताएं धारण कर पार्ट बजाना, यही विशेष पार्ट है। तो सदा ऐसे विशेष पार्टधारी समझते हुए पार्ट बजाओ।
प्रश्न 5 :- मुख्य संस्कार भरने का समय कब है और संस्कार भरते समय किन बातों पर विशेष अटेंशन देना है ?
उत्तर 5 :- बाबा ने कहा;-
❶ संस्कार भरने का समय अभी है।
❷ आत्मा में हर जन्म के संस्कारों का रिकार्ड इस समय भर रहे हो।
❸ तो रिकार्ड भरने के समय सेकेण्ड-सेकेण्ड का अटेंशन रखा जाता है। किसी भी प्रकार के टेंशन (तनाव) का अटेंशन; टेंशन में अटेंशन रहे।
❹ अगर किसी भी प्रकार का टेंशन होता है, तो रिकार्ड ठीक नहीं भर सकेगा।
❺ सदा काल के लिए श्रेष्ठ नाम के बजाए, यही गायन होता रहेगा कि जितना अच्छा भरना चाहिए, उतना नहीं भरा है।
❻ इसलिए हर प्रकार के टेंशन से परे, स्वयं और समय का, बाप के साथ का अटेंशन रखते हुए सेकेण्ड-सेकेण्ड का, पार्ट बजाओ।
FILL IN THE BLANKS:-
{ सेकंड, कल्याणकारी,संस्कारो,प्रकृति अधीन,ड्रामा,पार्ट, पार्टधारी, स्टेज , आसन श्रेष्ठ ,साधारण }
1 बाप _______ और बच्चे ________ ! यह शोभेगा नहीं।
श्रेष्ठ / साधारण
2 नॉलेजफुल स्टेज ______ अर्थात् इस संगमयुग की स्थिति का ________ आसन जानते हो?
स्टेज / आसन
3 अपने को इस ________ के अन्दर विशेष बजाने वाले, विशेष ________ ________ समझते हो?
ड्रामा / पार्ट / पार्टधारी
4 ________ के ________ तो नहीं हो ना?
प्रकृति / अधीन
5 अपने इस विशेष ________ समय को समझते हुए हर ________ के ________ का रिकार्ड नम्बरवन स्टेज में भरते जाओ।
कल्याणकारी / सेकंड / संस्कारो
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- इसलिए सदा हलचल होना है।【✖】
इसलिए सदा अचल होना है।
2 :- तो विशेषता हुई - ‘बाप के साथ साथी की और साक्षीपन की।’ ।【✔】
3 :- साधारण पार्ट बजाने का शृंगार कौन सा है? 【✖】
विशेष पार्ट बजाने का शृंगार कौन सा है ?
4 :- नही तो विशेष पार्टधारी कहलाए जाएंगे। 【✔】
5 :- तो अपने आपको सदा चैक (Check;निरीक्षण) करो कि हर पार्ट बजाते हुए दोनों ही कमियाँ रहती हैं?【✖】
तो अपने आपको सदा चैक(check; निरीक्षण) करो कि हर पार्ट बजाते हुए दोनों ही विशेषताएं रहती हैं ?