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AVYAKT MURLI
16 / 06 / 72
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16-06-72 ओम शान्ति अव्यक्त बापदादा मधुबन
हर्षित रहना ही ब्राह्मण जीवन का विशेष संस्कार
सदा हर्षित रहने के लिए कौन-सी सहज युक्ति है? सदा हर्षित रहने का यादगार रूप में कौन-सा चित्र है, जिसमें विशेष हर्षितमुख को ही दिखाया है? विष्णु का लेटा हुआ चित्र दिखाते हैं। ज्ञान को सिमरण कर हर्षित हो रहा है। विशेष, हर्षित होने का चित्र ही यादगार रूप में दिखाया हुआ है। विष्णु अर्थात् युगल रूप। विष्णु के स्वरूप आप लोग भी हो ना। नर से नारायण वा नारी से लक्ष्मी आप ही बनने वाले हो या सिर्फ बाप बनते हैं? नर और नारी, दोनों ही जो ज्ञान को सिमरण करते हैं वह ऐसे हर्षित रहते हैं। तो हर्षित रहने का साधन क्या हुआ? ज्ञान का सिमरण करना। जो जितना ज्ञान को सिमरण करते हैं वह उतना ही हर्षित रहते हैं। ज्ञान का सिमरण ना चलने का कारण क्या है? व्यर्थ सिमरण में चले जाते हो। व्यर्थ सिमरण होता है तो ज्ञान का सिमरण नहीं होता। अगर बुद्धि सदा ज्ञान के सिमरण में तत्पर रखो तो सदा हर्षित रहेंगे, व्यर्थ सिमरण होगा ही नहीं। ज्ञान सिमरण करने के लिए, सदैव हर्षित रहने के लिए खज़ाना तो बहुत मिला हुआ है। जैसे आजकल कोई बहुत धनवान होते हैं - तो कहते हैं इनके पास तो अनगिनत धन है। ऐसे ही ज्ञान का खज़ाना जो मिला है वह गिनती कर सकते हो? इतना अनगिनत होते हुए फिर छोड़ क्यों देते हो? कोई कमी के कारण ही उस चीज़ का न होना सम्भव होता है। लेकिन कमी न होते भी चीज़ न हो, यह तो नहीं होना चाहिए ना। ज्ञान के खज़ाने से वह बातें ज्यादा अच्छी लगती हैं क्या? जैसे समझते हो कि यह बहुत समय की आदत पड़ी हुई है, इसलिए ना चाहते भी आ जाता है। तो अब ज्ञान का सिमरण करते हुए कितना समय हुआ है? संगम का एक वर्ष भी कितने के बराबर है? संगम का एक वर्ष भी बहुत बड़ा है! इसी हिसाब से देखो तो यह भी बहुत समय की बात हुई ना। तो जैसे वह बहुत समय के संस्कार होने के कारण ना चाहते भी स्मृति में आ जाते हैं, तो यह भी बहुत समय की स्मृति नेचरल क्यों नहीं रहती? जो नई बात वा ताजी बात होती है वह तो और ही ज्यादा स्मृति में रहनी चाहिए, क्योंकि प्रेजेन्ट है ना। वह तो फिर भी पास्ट है। तो यह प्रेजेन्ट की बात है, फिर पास्ट क्यों याद आता? जब पास्ट याद आता है तो पास्ट के साथ-साथ यह भी याद आता है कि इससे प्राप्ति क्या होगी? जब उससे कोई भी प्राप्ति सुखदायी नहीं होती है तो फिर भी याद क्यों करते हो? रिजल्ट सामने होते हुए भी फिर भी याद क्यों करते हो? यह भी समझते हो कि वह व्यर्थ है। व्यर्थ का परिणाम भी व्यर्थ होगा ना। व्यर्थ परिणाम समझते भी फिर प्रैक्टिकल में आते हो तो इसको क्या कहा जाए? निर्बलता। समझते हुए भी कर ना पावें - इसको कहा जाता है निर्बलता। अब तक निर्बल हो क्या? अथॉरिटी वाले की निशानी क्या होती है? उसमें विल-पावर होती है, जो चाहे वह कर सकता है, करा सकता है। इसलिए कहा जाता है - यह अथॉरिटी वाला है। बाप ने जो अथॉरिटी दी है वह अभी प्राप्त नहीं की है क्या? मास्टर आलमाइटी अथॉरिटी हो? आलमाइटी अर्थात् सर्व शक्तिवान। जिसके पास सर्व शक्तियों की अथॉरिटी है वह समझते भी कर ना पावे तो उनको आलमाइटी अथॉरिटी कहेंगे? यह भूल जाते हो कि मैं कौन हूँ?
यह तो स्वयं की पोजीशन है ना। तो क्या अपने आपको भूल जाते हो? असली को भूल नकली में आ जाते हो। जैसे आजकल अपनी सूरत को भी नकली बनाने का फैशन है। कोई-न-कोई श्रृंगार करते हैं जिसमें असलियत छिप जाती है। इसको कहते हैं आर्टिफिशल आसुरी श्रृंगार। असल में भारतवासी फिर भी सभी धर्मों की आत्माओं की तुलना में सतोगुणी हैं। लेकिन अपना नकली रूप बना कर, आर्टिफिशल एक्ट और श्रृंगार कर दिन-प्रतिदिन अपने को असुर बनाते जा रहे हैं। आप तो असलियत को नहीं भूलो। असलियत को भूलने से ही आसुरी संस्कार आते हैं। लौकिक रूप में भी, जो पावरफुल बहुत होता है उसके आगे जाने की कोई हिम्मत नहीं रखते। आप अगर आलमाइटी अथॉरिटी की पोजीशन पर ठहरो तो यह आसुरी संस्कार वा व्यर्थ संस्कारों की हिम्मत हो सकती है क्या आपके सामने आने की? अपनी पोजीशन से क्यों उतरते हो? संगमयुग का असली संस्कार है जो सदा नॉलेज देता और लेता रहता है उसको सदा ज्ञान स्मृति में रहेगा और सदा हर्षित रहेगा। ब्राह्मण जीवन के विशेष संस्कार ही हर्षितपने के हैं। फिर इससे दूर क्यों हो जाते हो? अपनी चीज़ को कब छोड़ा जाता है क्या? यह संगम की अपनी चीज़ है ना। अवगुण माया की चीज़ है जो संगदोष से ले ली। अपनी चीज़ है दिव्य गुण। अपनी चीज़ को छोड़ देते हो। सम्भालना नहीं आता है क्या? घर सम्भालना आता है? हद के बच्चे आदि सब चीजें सम्भालने आती हैं और बेहद की सम्भालना नहीं आती? हद को बिल्कुल पीठ दे दी कि थोड़ा-थोड़ा है? जैसे रावण को सीता की पीठ दिखाते हैं, ऐसे ही हद को पीठ दे दी? फिर उनके सामने तो नहीं होंगे? कि फिर वहां जाकर कहेंगे क्या करें? अभी बेहद के घर में बेहद का नशा है, फिर हद के घर में जाने से हद का नशा हो जायेगा। अभी उमंग-उल्लास जो है वह हद में तो नहीं आ जायेगा? जैसे अभी बेहद का उमंग वा उल्लास है, उसमें कुछ अन्तर तो नहीं आ जायेगा ना। हद को विदाई दे दी कि अभी भी थोड़ी खातिरी करेंगे? समझना चाहिए - यह अलौकिक जन्म किसके प्रति है? हद के कार्य के प्रति है क्या? अलौकिक जन्म क्यों लिया? जिस कार्य अर्थ यह अलौकिक जन्म लिया वो कार्य नहीं किया तो क्या किया? लोगों को कहते हो ना - बाप के बच्चे होते बाप का परिचय ना जाना तो बच्चे ही कैसे? ऐसे ही अपने से पूछो - बेहद के बाप के बेहद के बच्चे बन चुके हो, मान चुके हो, जान चुके हो फिर भी बेहद के कार्य में ना आवें तो अलौकिक जन्म क्या हुआ? अलौकिक जन्म में ही लौकिक कार्य में लग जावें तो क्या फायदा हुआ? अपने जन्म और समय के महत्व को जानो तब ही महान् कर्त्तव्य करेंगे। गैस के गुब्बारे नहीं बनना है। वह बहुत अच्छा फूलता है और उड़ता है, लेकिन टेम्प्ररेरी। तो ऐसे गुब्बारे तो नहीं हो ना। अच्छा।
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QUIZ QUESTIONS
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प्रश्न 1 :- सदा हर्षित रहने का यादगार रूप में कौन-सा चित्र है जिसमें विशेष हर्षितमुखता को ही दिखाया है ? सदा हर्षित रहने के लिए कौन सी सहज युक्ति है?
प्रश्न 2 :- ज्ञान का सिमरण ना चलने का कारण क्या है ?
प्रश्न 3 :- बापदादा ने आलमाइटी अथाॅरिटी की पोजिशन पर ठहरने के बारे में क्या बताया ? या इस पोजीशन पर ठहरने से क्या हो जायेगा ?
प्रश्न 4 :- व्यर्थ परिणाम समझते भी प्रैक्टिकल में आ जाते है इसका क्या कारण है ?
प्रश्न 5 :- अथाॅरिटी वाले की निशानी क्या होगी ?
FILL IN THE BLANKS:-
( समय, टैम्प्रेरी, वर्ष, गैस, असलियत, संगम, महत्व, संस्कार, नॉलेज, आसुरी )
1 ________ को भूलने से _______ संस्कार आते है ।
2 संगमयुग का असली _______ है जो सदा ______ देता और लेता रहता है ।
3 अपने जन्म और _______ के _____ को जानों तब ही महान कर्तव्य करेंगे ।
4 संगम का एक वर्ष भी कितने के बराबर है ? _______ का एक _____ भी बहुत बड़ा है ।
5 ________ के गुब्बारे नहीं बनना है वह बहुत अच्छा फूलता है और उड़ता है लेकिन _______ । तो ऐसे गुब्बारे तो नहीं हो ना ।
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- अवगुण माया की चीज है जो साथ से ले ली । अपनी चीज है दिव्यगुण ।
2 :- ब्राह्मण जीवन के विशेष संस्कार ही हर्षितपने के है ।
3 :- समझना चाहिए यह अलौकिक जन्म किसके प्रति है ? बेहद के कार्य प्रति है क्या ? लौकिक जन्म क्यों लिया ? जिस कार्य अर्थ यह लौकिक जन्म लिया वो कार्य नहीं किया तो क्या किया ?
4 :- मास्टर आलमाइटी अथाॅरिटी हो ? आलमाइटी अर्थात सर्वशक्तिमान । जिसके पीछे सर्वशक्तियों की अथाॅरिटी है
5 :- असल में भारतवासी फिर भी सभी धर्मों की आत्माओं की तुलना में सतोगुणी है ।
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QUIZ ANSWERS
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प्रश्न 1 :- सदा हर्षित रहने का यादगार रूप में कौन-सा चित्र है जिसमें विशेष हर्षितमुखता को ही दिखाया है ? सदा हर्षित रहने के लिए कौन सी सहज युक्ति है ?
उत्तर 1 :- विष्णु का लेटा हुआ चित्र दिखाते है। ज्ञान को सिमरण कर हर्षित हो रहा है। विशेष हर्षित होने का चित्र ही यादगार रुप में दिखाया हुआ है।
❶ विष्णु अर्थात युगल रूप । विष्णु के स्वरूप आप लोग भी हो ना ? नर से नारायण वा नारी से लक्ष्मी आप ही बनने वाले हो या सिर्फ बाप बनते है ?
❷ नर और नारी दोनों ही जो ज्ञान को सिमरण करते है वह ऐसे हर्षित रहते है। तो हर्षित रहने का साधन क्या हुआ ? ज्ञान का सिमरण करना ।
❸ जो जितना ज्ञान का सिमरण करते है वह उतना ही हर्षित रहते हैं ।
प्रश्न 2 :- ज्ञान का सिमरण ना चलने का कारण क्या है ?
उत्तर 2 :- व्यर्थ सिमरण में चले जाते हो। व्यर्थ सिमरण होता है तो ज्ञान का सिमरण नहीं होता। अगर बुद्धि सदा ज्ञान के सिमरण में तत्पर रखो तो सदा हर्षित रहेंगे, व्यर्थ सिमरण होगा ही नहीं।
प्रश्न 3 :- बापदादा ने आलमाइटी अथाॅरिटी की पोजिशन पर ठहरने के बारे में क्या बताया? या इस पोजीशन पर ठहरने से क्या हो जायेगा ?
उत्तर 3 :- आप अगर आलमाइटी अथाॅरिटी की पोजिशन पर ठहरो तो यह आसुरी संस्कार वा व्यर्थ संस्कारों की हिम्मत हो सकती है क्या आपके सामने आने की ? अपनी पोजीशन से क्यों उतरते हो ?
प्रश्न 4 :- व्यर्थ परिणाम समझते भी प्रैक्टिकल में आ जाते है इसका क्या कारण है ?
उत्तर 4 :- यह भी समझते हो कि वह व्यर्थ है। व्यर्थ का परिणाम भी व्यर्थ होगा ना। व्यर्थ परिणाम समझते भी फिर प्रैक्टिकल में आते हो तो इसको क्या कहा जाएं ? निर्बलता। समझते हुए भी कर ना पावें इसको कहां जाता है निर्बलता ।
प्रश्न 5 :- अथाॅरिटी वाले की निशानी क्या होगी ?
उत्तर 5 :- उसमें विल-पावर होती है जो चाहे वह कर सकता है, करा सकता है। इसलिए कहा जाता है यह अथाॅरिटी वाला है ।
FILL IN THE BLANKS:-
( समय, टैम्प्रेरी, वर्ष, गैस, असलियत, संगम, महत्व, संस्कार, नॉलेज, आसुरी )
1 _______ को भूलने से ही ______ संस्कार आते है ।
असलियत / आसुरी
2 संगमयुग का असली _______ है जो सदा _______ देता और लेता रहता है ।
संस्कार / नॉलेज
3 अपने जन्म और _______ के ______ को जानों तब ही महान कर्तव्य करेंगे ।
समय / महत्व
4 संगम का एक वर्ष भी कितने के बराबर है ? ________ का एक _____ भी बहुत बड़ा है ।
संगम / वर्ष
5 _________ के गुब्बारे नहीं बनना है वह बहुत अच्छा फूलता है और उड़ता है लेकिन _______ । तो ऐसे गुब्बारे तो नहीं हो ना ।
गैस / टैम्प्रेरी
सही गलत वाक्यो को चिन्हित करे:-
1 :- अवगुण माया की चीज है जो साथ से ले ली। अपनी चीज है दिव्यगुण । 【✖】
अवगुण माया की चीज है जो संगदोष से ले ली। अपनी चीज है दिव्यगुण ।
2 :- ब्राह्मण जीवन के विशेष संस्कार ही हर्षितपने के है। 【✔】
3 :- समझना चाहिए यह अलौकिक जन्म किसके प्रति है ? बेहद कार्य प्रति है क्या ? लौकिक जन्म क्यों लिया ? जिस कार्य अर्थ यह लौकिक जन्म लिया वो कार्य नहीं किया तो क्या किया ? 【✖】
समझना चाहिए यह अलौकिक जन्म किसके प्रति है ? हद के कार्य के प्रति है क्या ? अलौकिक जन्म क्यों लिया ? जिस कार्य अर्थ यह अलौकिक जन्म लिया वो कार्य नहीं किया तो क्या किया ?
4 :- मास्टर आलमाइटी अथार्टी हो ? आलमाइटी अर्थात सर्वशक्तिमान । जिसके पीछे सर्वशक्तियों की अथाॅरिटी है। 【✖】
मास्टर आलमाइटी अथार्टी हो ? आलमाइटी अर्थात सर्वशक्तिवान। जिसके पास सर्वशक्तियों की अथाॅरिटी है
5 :- असल में भारतवासी फिर भी सभी धर्मों की आत्माओं की तुलना में सतोगुणी है। 【✔】